Tuesday, January 20, 2015

ऊँची उड़ान

अधखुली पलकों के खाब्ब अभी बाकी है

क्योंकि  सपनों की ऊँची उड़ान अभी बाकी है

स्वछंद विचरण करुँ परिंदो की तरह

उड़ता फिरुँ गगन भर

डोर इस खाब्ब की थामनी अभी बाकी है

छूने मंजिल को आतुर

सपनों का संसार अभी बाकी है

खाब्बों के इस तिलसिम के

कई अधखुले राज अभी बाकी है

कई अधखुले राज अभी बाकी है

अधखुली पलकों के खाब्ब अभी बाकी है

क्योंकि  सपनों की ऊँची उड़ान अभी बाकी है

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