Sunday, August 3, 2014

सच का आईना

अक्सर तन्हाइयों में

मैं खुद से बातें किया करता हूँ

मंजिल की उसका पता पूछा करता हूँ

कुँजी जिसके मेरे अपने पास है

पर लगता है किस्मत मुझसे नाराज है

दिखा सच का आईना

खुद से खुद को रूबरू किया करता हूँ

अक्सर तन्हाइयों में

मैं खुद से बातें किया करता हूँ

2 comments:

  1. महोदय
    मार्ग दर्शन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद I भविष्य में इसी तरह त्रुटियों की ओर ध्यान आकर्षण करे I

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