Saturday, April 12, 2014

शरारत

मैंने उदासी से कहा

खुद से शरारत करो इतनी

दुनिया चमन बन जायेगी

मुरझाये चहरे के कपोल

फूल से खिल जाएंगे

टूट जाएगा उदासी का तिल्सिम

रंग शरारत के जो भर जाएंगे

खुल  के हँसो खुल के जियो

बंद किस्मत शरारत भरी

चुलबुलाहट से खोल दो

बस अब उदासी का ये आलम छोड़ दो




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