Sunday, February 9, 2014

प्यार का पैग़ाम

पैग़ाम प्यार भरे सपनों का था

साथ मगर उसमें तेरे गीतों का था

हर लफ्जों में जैसे तेरा अक्स था

पैग़ाम ए जैसे तेरे दीदार का आईना था

छिटक रहा था नूर जैसे तेरा कोई

बेताब हो चाँदनी चाँद से मिलने जैसे कही

लगने लगा जैसे

पैग़ाम के बदले खुदा मिल गया हो कोई


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