Saturday, January 25, 2014

गुलाब

फूलों के इस गुलदस्ते में

तेरी शोखियों से मिलते

रंग बिरंगे गुलाब सजाए है

तेरे हुस्न की ताबीर से

जो मुस्का उठे

वो गुलाब सजाए है

देख चाँद भी जिसे लज्जा जाये

ऐसे गुलाबों से तेरा

कजरा सजाए है

सदा तुम भी महकती रहो

इन गुलाबों कि तरह

सौगात में इसलिए गुलाब सजाए है

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