Monday, September 16, 2013

ख्यालों की बारिस

ख्यालों की बारिस में भीगा करते थे

रूमानी वादियों में टहला करते थे

सफ़र का ये मोड़ बड़ा ही सुहाना था

अंदाज प्यार का बड़ा ही निराला था

यादों की ताबीर को

दिल से रूबरू किया करते थे

अक्सर तन्हाईयों में खुद से

तुम्हारा जिक्र किया करते थे

पहले तुम महफ़िल में नजर आते थे

अब चाँद के दीदार में नजर आते हो

अक्सर तुम यादों में भी

दिल के तारों को छेड़ जाते हो 

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