Friday, February 22, 2013

चाहतों के रंग

रंग चाहतों के बदल गए

मायने जिन्दगी के बदल गए

दिलों में कुछ लबों पे कुछ

रंग चाहतों के बदल गए

वो बेकरारी नहीं जुस्तजू नहीं

रंग जो चाहतों की शोखियों में हुआ करते थे

रंग चाहतों के बदल गए

मायने जिन्दगी के बदल गए

रूह नहीं जिन रंगों में

सज रही वो महफ़िल आज भी

झलकती पर उनमे सिर्फ

बदले जमाने के रंगों की चाल ही

बदले जमाने के रंगों की चाल ही

  

No comments:

Post a Comment