Saturday, October 27, 2012

रूमानी रंग

जिन रंगों में जिया करते थे

उन रंगों से नाता तोड़ लिया

बात रंगों में अब वो ना थी

मुस्कान उनमें अब पहली सी ना थी

बदल गयी थी तस्वीर पुरानी

श्याम स्वेत हो गयी थी जिन्दगी बेचारी

लाचारी थी यह बड़ी भारी

रंगों ने बिगाड़ दी थी तस्वीर की कहानी

अधिक रंगों के पुट से

बदरंग हो गयी थी जिन्दगी बेचारी

रंग अब जीवन से दूर थे

पर श्याम स्वेत भी कहा रूमानी कम थे 

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