Monday, February 20, 2012

मुराद

इस आस में अटकी है सांस


कभी तो पूरी होगी दिल की मुराद


बड़ी नाजुक है ए आस


डर लगता है कही पूरी होने से पहले


बिखर ना जाये साँसों के तार


यकीन है खुद को


एक दिन पूरी होगी दिल की मुराद


बस इसी आस में अटकी है सांस

यथार्थ

आंसुओ का मोल खुदा तुम समझ ना पाये

रुदन में लिपटी फ़रियाद तुम समझ ना पाये

दिल पुकारता रहा

आत्मा चित्कारती रही

पर इन बेबस आँखों का दर्द तुम समझ ना पाये

सहेजा था जिन आंसुओ को कभी

दफ़न हो गयी उसमे कही करुण पुकार

फिर भी खुदा तुम समझ ना पाये

इन अनमोल आंसुओ का यथार्थ

Saturday, February 18, 2012

बंजर भूमि

बंजर भूमि सावन को तरसे

कण कण पानी को तरसे

बादल छाये पर मेघा ना बरसे

खो गयी वो बसंती बहार

गुम हो गयी वो कोयल की पुकार

तरस रही धरती बूंद बूंद को

कर रही मेघों का इन्तजार

कर रही मेघों का इन्तजार

Thursday, February 16, 2012

किश्त

जिन्दगी किश्तों में बंट गयी

हसरतें ख़्वाईसे

नगद उधार की मोहताज हो गयी

मायने जिन्दगी के बदल गए

ना दिन ना रात

ना धूप ना छावँ

किश्तें गिनते गिनते

ना जाने कब सूद के बदले

साँसे भी उधार हो गयी

ओर अब तो जिन्दगी के संग संग

साँसे भी किश्तों में बंट गयी

राम नाम

मंदिर है संगीत

भक्ति है गीत

प्रार्थना है आरधना

भक्त है रघुवीर

रघुवीर करे आराधना

बजे कण कण में राम नाम का गीत