Friday, December 9, 2011

नन्ही जान

नन्ही सी तू जान

परियों की तू सरताज

देख तेरी हरकतें

दिल मन ही मन मुस्काय

तुतली जुबाँ से पुकारे जब तू

ह्रदय पुलकित तब हो जाए

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