Sunday, September 11, 2011

मौन आँखे

अक्सर दिल कुछ कहता है

गुमशुम मौन आँखे

चुपचाप सुनती है

आंसुओ में लिपटी आँखे

छलछला आने को तरसती है

डरती है मगर सोच के

भावनाओ के सैलाब में

कही जिन्दगी बह ना जाये

ओर दर्द के साये में

सहमी सहमी सी जिन्दगी गुजरती रहती है

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