Friday, July 22, 2011

अंतिम साँसे

चिर शैया पर लेटी

अंतिम साँसे गिन रही जिन्दगी

गुजर गया ह़र वो पल वो लहमा

ललक थी जिसमे जीने की

अब तो सपना बन रह गयी जिन्दगी

बस कुछ पल की मेहमा रह गयी जिन्दगी

अनंत निंद्रा में विचरण

व्याकुल हो गयी जिन्दगी

झलक जीवन की दूर हो गयी जिन्दगी

पलकें सदा के लिए मूंद ली जिन्दगी

कर सफ़र जीवन का खत्म

विदा हो गयी जिन्दगी

विदा हो गयी जिन्दगी

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