Friday, June 3, 2011

जीवन खुशबू

जन्म से होती है जिन्दगी की आगाज

उत्तार चढ़ाव से भरा होता है जीवन काल

मौत बना लेती है जीवन को ग्रास

पर कहती है नियति

आत्मा में रहती है

जीवन खुशबू विधमान

महकती रहती है जो

इंतकाल के भी बाद

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