Friday, April 23, 2010

सच्ची पहचान

कल तक जो पहचान थी

वो आज गुमनाम है

इस बदले समय में

अपनों के लिए भी अनजान है

वक़्त सदा एक सा नहीं होता

समय बड़ा बलवान है

बुरे वक़्त ही होती है

अपनों की सच्ची पहचान

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