Wednesday, August 5, 2009

कामना

सुबह जब आँख खुले रब को याद करो

मात पिता का ध्यान धरो

दिन गुजरे अच्छा

फुरसत ना मिल पावे

ऐसी कामना करो

शाम थक के जब बिस्तर मैं जाओ

रंगीन खाबो की हसीन दुनिया मैं खो जाओ

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