Thursday, August 13, 2009

आन मिलो साजन

आँख मिचोली कर दो बंद

पहेली बन इतराना कर दो बंद

शर्माना छोड़ दो अब

आ गले मिल लो अब

शरारत ओर ना करो अब

सताना अब तो कर दो बंद

चंदा के दर्शन दे दो अब

यू ना तड़पाओ अब

चहरे से घूँघट उठा दो अब

हया शर्म को छोड़ दो अब

इतरावो ओर ना अब

आन मिलो साजन अब

No comments:

Post a Comment